वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
एक कमल shiv chalisa lyricsl प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
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